अगर आपके पास सिर्फ प्लेटफॉर्म टिकट है और आप ट्रेन में चढ़ गए हैं तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है. आप टिकट चेकर के पास जाकर टिकट बनवा सकते है
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यात्री से किराया भी उसी श्रेणी का वसूला जाएगा, जिसमें वह सफर कर रहा होगा. (फोटो: PTI)
लंबी दूरी की यात्रा करनी हो या फिर आरामदायक सफर चाहिए हो, सबको ट्रेन का ही सफर ज्यादा सुहाता है. ट्रेन से सफर करने के लिए लोग महीनों पहले रिजर्वेशन कराते हैं. रिजर्वेशन के लिए दो तरह से टिकट बुक की जाती है. टिकट रिजर्वेशन खिड़की और ऑनलाइन माध्यम से टिकट बुक की जा सकती है. लेकिन, कभी अचानक यात्रा करनी हो तो क्या करें? इसके लिए ज्यादातर लोग तत्काल टिकट को ही एकमात्र विकल्प मानते हैं. लेकिन, आज हम आपको बता रहे हैं कि प्लेटफॉर्म टिकट लेकर भी यात्रा की जा सकती है. चौंकिए मत यह सच है, आइये जानते हैं क्या कहते हैं रेलवे के नियम...
प्लेटफॉर्म टिकट पर यात्रा
अगर आपके पास सिर्फ प्लेटफॉर्म टिकट है और आप ट्रेन में चढ़ गए हैं तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है. आप टिकट चेकर के पास जाकर टिकट बनवा सकते हैं. दरअसल, यह रेलवे का ही नियम है. एमरजेंसी में यात्री प्लेटफॉर्म टिकट लेकर ट्रेन में सवार हो सकता है, लेकिन उसे तुरन्त TTE से संपर्क करना होगा. साथ ही जहां जाना है वहां का टिकट कटाना होगा. हालांकि, कई बार सीट नहीं होने पर टीटीई आपको रिजर्व सीट देने से मना कर सकता है. लेकिन, आपको यात्रा करने से नहीं रोक सकता. ऐसी स्थिति में यात्री से 250 रुपए पेनाल्टी और यात्रा का किराया वसूला जाएगा.
अगर आपके पास सिर्फ प्लेटफॉर्म टिकट है और आप ट्रेन में चढ़ गए हैं तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है. आप टिकट चेकर के पास जाकर टिकट बनवा सकते हैं. दरअसल, यह रेलवे का ही नियम है. एमरजेंसी में यात्री प्लेटफॉर्म टिकट लेकर ट्रेन में सवार हो सकता है, लेकिन उसे तुरन्त TTE से संपर्क करना होगा. साथ ही जहां जाना है वहां का टिकट कटाना होगा. हालांकि, कई बार सीट नहीं होने पर टीटीई आपको रिजर्व सीट देने से मना कर सकता है. लेकिन, आपको यात्रा करने से नहीं रोक सकता. ऐसी स्थिति में यात्री से 250 रुपए पेनाल्टी और यात्रा का किराया वसूला जाएगा.
क्या है इसका फायदा
प्लेटफॉर्म टिकट का फायदा सिर्फ इतना ही है कि यात्री को किराया उसे स्टेशन से चुकाना होगा, जहां से उसने प्लेटफॉर्म टिकट लिया है. किराया वसूलते वक्त डिपार्चर स्टेशन भी उसी स्टेशन को माना जाएगा. यात्री से किराया भी उसी श्रेणी का वसूला जाएगा, जिसमें वह सफर कर रहा होगा.
प्लेटफॉर्म टिकट का फायदा सिर्फ इतना ही है कि यात्री को किराया उसे स्टेशन से चुकाना होगा, जहां से उसने प्लेटफॉर्म टिकट लिया है. किराया वसूलते वक्त डिपार्चर स्टेशन भी उसी स्टेशन को माना जाएगा. यात्री से किराया भी उसी श्रेणी का वसूला जाएगा, जिसमें वह सफर कर रहा होगा.
ट्रेन छूट जाए तो क्या करें?
अक्सर देखा जाता है कि ट्रेन छूटने के बाद लोग परेशान होंते कि ट्रेन भी छूट गई और पैसा भी गया. लेकिन, ट्रेन मिस होने पर भी आपको रिफंड मिल सकता है. ट्रेन मिस होने की स्थिति में यात्री टीडीआर भरकर अपने टिकट के बेस फेयर का 50 प्रतिशत रिफंड क्लेम कर सकता है. लेकिन, आपको ये काम तय समय-सीमा के भीतर करना होगा.
अक्सर देखा जाता है कि ट्रेन छूटने के बाद लोग परेशान होंते कि ट्रेन भी छूट गई और पैसा भी गया. लेकिन, ट्रेन मिस होने पर भी आपको रिफंड मिल सकता है. ट्रेन मिस होने की स्थिति में यात्री टीडीआर भरकर अपने टिकट के बेस फेयर का 50 प्रतिशत रिफंड क्लेम कर सकता है. लेकिन, आपको ये काम तय समय-सीमा के भीतर करना होगा.
किसी को आपकी सीट नहीं दे सकता है टीटीई
अगर आपकी ट्रेन छूट गई है तो टीटीई अगले दो स्टेशनों तक आपकी सीट किसी को अलॉट नहीं कर सकता. अगले दो स्टेशनों पर ट्रेन से पहले पहुंचकर आप अपना सफर पूरा कर सकते हैं. लेकिन, दो स्टेशनों के बाद टीटीई आरएसी टिकट वाले यात्री को ये सीट अलॉट कर सकता है.
अगर आपकी ट्रेन छूट गई है तो टीटीई अगले दो स्टेशनों तक आपकी सीट किसी को अलॉट नहीं कर सकता. अगले दो स्टेशनों पर ट्रेन से पहले पहुंचकर आप अपना सफर पूरा कर सकते हैं. लेकिन, दो स्टेशनों के बाद टीटीई आरएसी टिकट वाले यात्री को ये सीट अलॉट कर सकता है.
खो जाए ट्रेन टिकट तो भी नहीं हों परेशान
अगर आपने रेल यात्रा के लिए ई-टिकट लिया है और ट्रेन में बैठने के बाद आपको पता लगा कि टिकट खो गया है तो आप टिकट चेकर (टीटीई) को 50 रुपए पेनाल्टी देकर अपना टिकट हासिल कर सकते हैं.
अगर आपने रेल यात्रा के लिए ई-टिकट लिया है और ट्रेन में बैठने के बाद आपको पता लगा कि टिकट खो गया है तो आप टिकट चेकर (टीटीई) को 50 रुपए पेनाल्टी देकर अपना टिकट हासिल कर सकते हैं.
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